आप
खतरे में है
मेरे
पास, आवश्यकता से अधिक रोटी है, वह रोटी मेरी नहीं है, किसी भूखे की है, उसे मिलनी
चाहिए, जब तक यह सोच, यह फर्ज, आप नहीं समझते है, आप खतरे में है, आपकी रक्षा कोई नहीं
कर सकेगा, आप हजारो की रोटी छीनेंगे, दो चार अंग रक्षको के जरिए, सुरक्षित रहना चाहेंगे,
यह मात्र, भ्रम साबित होने वाला है, सरकार, सेठ, नेता, धर्म नेता, समाज नेता, राज्य
अधिकारी, सबको समझ लेना होगा, तुम्हारा कल खतरे से, खाली नहीं है !