1. दुसरो को, राय देने में, मनुष्य ने, बहुत प्रग्रति
की है ! 2. परमात्मा जो स्वयं, सृष्टि का मालिक है, वो दान ले कर, क्या करेगा, किस के
लिए लेगा, और क्यों लेगा ?
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