Friday, 27 July 2018


मानव जीवन के, कार्य व्यवहार में, चरित्र ही, मुख्य बिंदु है, दूषित अथवा दोषी, चरित्र वाला, जितने उच्चे पद पर होगा, उतना ही बड़ा, अनर्थ वह करेगा !

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