सम्मानीय, धर्माचार्यो एवं धर्मगुरुओ से, कुछ प्रश्न है :-
-क्या अपिवत्र धन से, पवित्र कार्य, किया जा सकता है ?
-धर्म क्षेत्र में, आने वाला दान सारा पवित्र धन होता है ?
-धर्म रक्षा का नारा देने वाले, धर्माचार्यो की, इतनी बड़ी फौज, होते
हुए, अधर्म तांडव नृत्य, क्यों कर रहा है ?
-पहले के ऋषि मुनि, स्वयं में समर्थ होते थे, या वो भी, भगवान् के
नाम पर, दान ले कर, भगवान् को बदनाम करते थे ?
-राम रावण युद्ध के समय, किसी धर्माचार्य ने, राम का साथ दिया था
?
-गुरु प्रकाश देता है, यदि यही सत्य है, तो लाखो गुरुओ के रहते,
विश्व में अंधकार क्यों है ?
-आपके लिए, सुख साधन उपलब्ध कराने वाले, जन साधारण को, इन प्रश्नो
के उत्तर, जानने का, अधिकार है या नहीं ?
आशा है, इस दृष्टता के लिए, क्षमा करेंगे, हो सके तो, इन प्रश्नो
के, उत्तर देंगे ! अर्जुन
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